इस पोस्ट मे हम जानेंगे emergency brake of train के बारे मे कि ट्रेन का emergency ब्रेक कब खतरनाक हो जाता है और कब फायदेमंद होता है
दोस्तों अक्सर आपने सुन होगा कि जब कभी ट्रेन मे emergency brake लगाया जाता है तो ट्रेन सही सलामत रुक जाती है लेकिन कभी कभी इसी emergency ब्रेक को लगाने से ट्रेन derail हो जाती है
तब लोगों के मन मे यह सवाल जरूर आता है कि जब emergency ब्रेक लगाने से ट्रेन derail ही हो जाएगी फिर ऐसे ब्रेक का क्या मतलब तो दोस्तों चलिए समझते है कि ट्रेन का emergency ब्रेक कब खतरनाक हो जाता है और कब फायदेमंद होता है?
ट्रेन का ब्रेकिंग सिस्टम कैसे काम करती है?
दोस्तों ट्रेन के emergency ब्रेक को समझने से पहले आपको यह समझना होगा कि ट्रेन मे मे ब्रेकिंग सिस्टम कैसे काम करती है
ट्रेन का ब्रेकिंग सिस्टम एयर प्रेसर के द्वारा काम करती है जहां ट्रेन के नीचे पूरे कोच मे दो पाइप बिछाई जाती है जिसे कि ब्रेक पाइप और फ़ीड पाइप कहा जाता है

इन दोनों पाइपों मे लोकमोटिव के अंदर लगे कम्प्रेसर कि सहायता से 5.6 केजी का प्रेसर मैन्टेन किया जाता है जिससे ब्रेक सिलिन्डर मे लगा पिस्टन ब्रेक शुज को खिच कर रखता है और ब्रेक रिलीज रहते है
जब ट्रेन मे ब्रेक अप्लाइ करनी होती है तो लोकोपायलट कैबिन से एयर के प्रेसर को कम करते है जिससे ब्रेक पिस्टन ब्रेक शुज को अंदर धकेलता है और शुज पहिये से चिपक जाता है जिससे ब्रेक अप्लाइ हो जाती है
दोस्तों इस तरीके से जब ट्रेन मे नॉर्मल ब्रेक अप्लाइ कि जाती है तब एयर का प्रेसर धीरे धीरे काम होता है और ट्रेन मे स्मूथली ब्रेक अप्लाइ होती है और कोई खतरा नहीं होता है
Emergency brake क्या होता है?
दोस्तों जब ट्रेक पर अचानक से कोई इंसान या ऐसी चीजे आती है जहां अचानक से ट्रेन को रोकना है ऐसे मे ट्रेन मे emergency ब्रेक का उपयोग किया जाता है जहां एयर के प्रेसर को तेजी से कम किया जाता है जिससे ब्रेक नॉर्मल ब्रेक कि अपेक्षा जल्दी से लग जाते है
लेकिन दोस्तों ऐसा नहीं है कि emergency ब्रेक लगाने से ट्रेन तुरंत रुक जाए emergency ब्रेक लगाने पर भी ट्रेन 400-500 मीटर जाने के बाद ही सही तरीके से रुकती है
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Emergency ब्रेक कब खतरनाक और कब फायदेमंद होता है?
दोस्तों finally अब समझते है कि emergency ब्रेक कब खतरनाक और कब फायदेमंद होते है तो इसका जवाब यह है कि जब emergency ब्रेक सही जगह पर लगाते टाइम एयर का प्रेसर एकाएक कम न करके हिसाब से कम किया गया जिससे ट्रेन 400-500 मीटर कि दूरी पर जाकर रुके तब emergency ब्रेक फायदेमंद होता है
वही अगर emergency ब्रेक लगते समय ट्रेन को तुरंत रोकने के लिए एयर का प्रेसर अचानक से ज़ीरो कर दिया गया तब ट्रेन डेराइल हो जाएगी क्योंकि पीछे का सर लोड अचानक से आगे आ जाएगा और कोच एक दूसरे के ऊपर चढ़ जायेगे
तो दोस्तों इस तरह से आप समझ गए होंगे कि ट्रेन का emergency brake कब खतरनाक हो जाता है और कब फायदेमंद होता है