इस पोस्ट मे हम 22 मई सन 2012 को आंध्र प्रदेश के पेनुकोंडा मे Hampi express rail disaster case study को जानेंगे और समझेंगे कि यह हादसा कैसे हुई और यहाँ पर गलती किसकी थी?
हादसा कब और कहाँ हुई?
दोस्तों हमेशा कि तरह 21 मई को भी हुबली से बैगलोर जाने वाली हम्पी एक्स्प्रेस अपने यात्रा पर निकलती है सभी यात्री अपने मंगलमय यात्रा कि कामना करते हुए अपने यात्रा कि शुरुआत करते है
दोस्तों यह ट्रेन हुबली से बैंगलोर जाने वाले मजदूरों के लिए बहुत ही फेमस ट्रेन है उस दिन भी इस ट्रेन मे मजदूर ही ज्यादा थे |
ट्रेन जैसे ही रात 3:15 मिनट पर पेनुकोंडा रेलवे स्टेशन पर पहुचती है वहाँ पर पहले ही एक मालगाड़ी खड़ी थी और स्पीड मे जाती हम्पी एक्स्प्रेस पीछे से मालगाड़ी को जोरदार टक्कर मारती है
टक्कर इतना भनायक था कि लोकमोटिव के पीछे वाले कोच मे आग लग जाती है और 4 कोच derail हो जाते है जिसमे सरकारी आकड़ों के मुताबिक 25 लोगों कि मौत हुई और 55 से ज्यादा लोग घायल हो गए|
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हादसा कैसे हुई ?
अब सभी के दिमाग मे यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर आखिर यहाँ रेलवे से इतनी बड़ी गलती कैसे हो सकती है कोई एक ट्रेन पीछे से किसी ट्रेन को टक्कर कैसे मार सकती है?
दोस्तों बताया गया कि जिस ट्रेक पर पहले से मालगाड़ी खड़ी थी उस ट्रैक पर लाल सिग्नल दिया गया था जिसे लोकोपायलट ने अनदेखा किया और स्पीड मे ट्रेन को लाल सिग्नल मिलने के बाद भी ले गए और टक्कर मार दिए
उस समय ट्रेन मे WDP4 लोकमोटिव का उपयोग किया गया था जिसमे लॉंग हुड था जिसके कारण लोकोपायलट को सिग्नल देखने मे समस्या होती थी
प्रारम्भिक जांच मे क्या मिला?
दोस्तों इस घटना के प्रारम्भिक जांच मे बताया गया कि यहाँ पर सारी गलती लोकोपायलट कि थी जिन्होंने सिग्नल को अनदेखा किया और सिग्नल नहीं मिलने के बाद भी ट्रेन को आगे ले गए जहां पहले से खड़ी मालगाड़ी मे टक्कर मार दिए
दोस्तों उस टाइम लोकोपायलट भी गंभीर रूप से घायल थे और कोई बयान देने कि हालत मे नहीं थे फिर इस घटना को रेलवे के CRS कमिसनर ऑफ रेलवे सेफ़्टी को दिया गया
CRS रिपोर्ट मे क्या कहा गया?
दोस्तों घटना के 6 महीने के बाद फाइनली कमिसनर ऑफ रेलवे सेफ़्टी का जवाब आया जिसमे बताया गया कि यह घटना एक मानवीय भूल के कारण है जिसमे लोकोपायलट और स्टेशन मास्टर दोनों को जिम्मेदार बताया गया
उन्होंने कहाँ कि पहली गलती लोकोपायलट कि थी जिन्होंने सिग्नल को अनदेखा किया और ट्रेन को आगे ले गए लेकिन दूसरी सबसे बड़ी गलती स्टेशन मास्टर कि थी क्योंकि जब ट्रेक पर पहले से मालगाड़ी खड़ी थी तो दूसरे ट्रेन को आने के लिए ट्रेक क्यों सेट किया गया था
दोस्तों ट्रेक को सेट करने का काम स्टेशन मास्टर करते है और जब किसी ट्रेक पर पहले से कोई गाड़ी खड़ी है तब उस ट्रेक पर दूसरे ट्रेन को आने के लिए तब तक ट्रेक सेट नहीं किया जाता जब तक वह ट्रेन निकल न जाए
इसीलिए स्टेशन मास्टर कि यह सबसे बड़ी भूल थी जिन्होंने दूसरे ट्रेन के लिए भी ट्रेक सेट कर दी थी और इसी कारण से हम्पी एक्स्प्रेस एक ही ट्रेक पर आ गई
इस तरह से आपने इस पोस्ट मे Hampi express rail disaster case study को जाना