Hirakhand rail disaster in kuneru case study कुनेरु में हिराखंड एक्स्प्रेस कैसे दुर्घटना ग्रस्त हुई?

4
1209
hirakhand rail disaster

Hirakhand rail disaster in kuneru case study

दोस्तों 21 जनवरी सन 2017 को कुनेरु रेलवे स्टेशन के पास हिराखंड एक्स्प्रेस के कोच derail हो गए जिसे hirakhand rail disaster के नाम से जाना जाता है

जिसमे 39 यात्रियों की जान गई और 69 से ज्यादा लोग घायल हो गए|

hirakhand express rail disaster

तो चलिए समझते है कि यहा पर गलती किसकी थी और Hirakhand rail disaster कैसे हुआ?

हादसे कब और कैसे होते हैं? 

Hirakhand rail disaster in kuneru case study 

अभी तक आपने जीतने भी हादसों के बारे मे सुना होगा वो सारी घटनाए अधिकतर रात मे ही हुई है

जिसमे कोई न कोई मानवीय भूल या लापरवाही सामने आई है या कहीं कहीं जानबूज कर नक्सलियों के द्वारा ऐसा किया गया है

लेकिन हिराखंड एक्स्प्रेस की दुर्घटना रेलवे के लिए दिमाग हिल देने वाली घटना थी क्योंकि-

इसमे शुरुआत मे नकशलियों की शाजिश सामने आई फिर हकीकत कुछ और ही रहा|

हादसा कब हुआ ?

ट्रेन जगदलपुर से अपने निर्धारित समय शाम 4:30 मिनट पर निकली और भूबनेश्वर की तरफ जा रही थी

जैसे ही ट्रेन रात 11:23 मिनट पर कुनेरु रेल्वे स्टेशन के पास पहुचती है

अचानक ट्रेन का लोकमोटिव सहित 9 कोच derail हो गए जिसमे 39 यात्रियों की मौत हो गई और 69 घायल हो गए

यह भी पढ़ें 

प्रारम्भिक जांच मे क्या मिला?

चुकि छतीसगढ़ का जगदलपुर एरिया नक्सल प्रभावित मन जाता है और हादसे मे प्रारम्भिक जांच के दौरान मौके पर ट्रैक टूट पाया गया

जिसमे संभावना जताई गई की कोई नक्सल गतिविधि ने ट्रैक उड़ाया जिससे ट्रेन derail  हो गई

लेकिन इस बात पर सवाल उठने लगे-

क्योंकि – नक्सली बिना बताए इस तरह से आम जनता का नुकसान नहीं पहुचाते उनकी कुछ मांगे सरकार से होती है

जिसके लिए वो पहले से ही सूचित करते है  लेकिन इस घटना मे एस कुछ भी साक्ष्य नहीं  मिला-

रेलवे की CRS टीम ने क्या कहा?

Hirakhand rail disaster in kuneru case study जब कहीं से कोई समाधान नहीं मिला

तब रेलवे की CRS टीम ने अपनी पड़ताल शुरू की और घटना के 3 साल के बाद अपनी रिपोर्ट बताई जिसमे बताया गया कि –

यह derailment रेलवे कर्मचारियों की लापरवाही से हुई थी|

रिपोर्ट मे बताया गया कि ट्रेन जैसे ही कुनेरु रेल्वे स्टेशन मे इन्टर कर रही थी

उसी टाइम एक ट्रैक से दूसरे ट्रेक को चेंज करने वाला टंग रेल टूट गया

जिससे ट्रेन को जिस पटरी पर जाना था वह नहीं जा पाई और derail हो गई

जांच के दौरान मौके पर टंग रेल का टूटा टुकड़ा पाया गया था |

 

यह भी पढ़ें 

टंग रेल क्या होता है?

किसी भी स्टेशन मे इन्टर करते समय ट्रेन पटरी को टंग रेल के माध्यम से ही पार करती है जिसमे इस तरह का नुकीला भाग होता होता है जिसे लेफ्ट या राइट शिफ्ट करके टैक को चेंज किया जाता है

toung rail

CRS के अधिकारियों ने बताया कि हर टंग रेल की एक लाइफ होती है जिसे खत्म होने के बाद उन्हे बदल दिया जाता है

क्योंकि ट्रैक बदलते समय ट्रेन का पूरा भार इसी टंग  रेल से होकर गुजरता है यहाँ पर टंग  रेल समय से नहीं बदले जाने के कारण यह हादसा हुआ

Google search engine

4 COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here