इस पोस्ट मे हम जानेंगे कि Why locomotives are changed in long distance trains? ट्रेन को उसी लोकमोटिव से ट्रेन को पूरी यात्रा क्यों नहीं कारवाई जाती तो चलिए इसे समझते है
दोस्तों ट्रेन मे यात्रा के दौरान अक्सर आपने गौर किया होगा कि ट्रेन के लोकमोटिव को बदला जा रहा है लेकिन रेलवे ऐसा कभी नहीं चाहती कि ट्रेन के लोकमोटिव को बदलना पड़े
रेलवे उसी लोकमोटिव से ट्रेन को पूरी यात्रा करवाना चाहती है और लोकमोटिव इस काम को करने मे सक्षम भी होते है
लोकमोटिव को क्यों बदला जाता है?
दोस्तों लंबी दूरी कि ट्रेनों मे लोकमोटिव को बदलना रेलवे कि एक मजबूरी होती है क्योंकि उस टाइम रेलवे के पास कोई दूसरा उपाय नहीं होता
ऐसा करने से समय कि बर्बादी होती है साथ ही इसके लिए अतिरिक्त कर्मचारियों कि जरूरत भी पड़ती है और जितनी देर प्लेटफ़ॉर्म पर गाड़ी रहती है उतनी देर तक दूसरी ट्रेनों को आउटर पर रोक कर रखा जाता है जिससे रेलवे का ऑपरेटिंग रेसीओ बढ़ता है
तो दोस्तों इतना कुछ होने के बाद भी लंबी दूरी कि ट्रेनों मे लोकमोटिव बदलने के दो कारण है
इसे भी पढे- मुंबई लोकल और पैसेंजर ट्रेन मे क्या अंतर है?
पहला कारण
जब कोई ट्रेन इलेक्ट्रिक लोकमोटिव से चल रही है और आगे का रूट electrified नहीं है तब यहाँ मजबूरी बस लोकमोटिव को बदला जाता है और पुनः वापसी मे भी यही प्रक्रिया दुहराई जाती है
दूसरा कारण
दोस्तों लोकमोटिव को बदलने का दूसरा कारण होता है रेक रीवर्सल बड़े रेलवे स्टेशन पर जहां ट्रेफिक ज्यादा होने के कारण लोकमोटिव को घूमकर नहीं लाया जा सकता क्योंकि ट्रेक व्यस्त होते है ऐसी परिस्थिति मे ट्रेन के साथ आई लोकमोटिव को detached करके पहले से तैयार लोकमोटिव को जोड़ा जाता है इस तरह से रेक रीवर्सल मे लोकमोटिव बदल जाते है
तीसरा कारण
दोस्तों इन सभी के आलवे और कारण होते है जैसे कि लोकमोटिव मे खराबी electrified रूट मे कोई गड़बड़ी होना जैसे कारणों से भी लोकमोटिव को बदला जाता है
तो दोस्तों इस तरह से आप समझ गए होंगे कि Why locomotives are changed in long distance trains?