दोस्तों इस पोस्ट मे हम जानेंगे कि Why window glass of ac coach in black colour? जबकि स्लीपर या जनरल कोच के खिड़की का ग्लास ट्रांसपैरेंट होता है
दोस्तों ट्रेन के कोच के window मे लगा glass यात्रियों सुरक्षा के लिए होता है ताकि यात्री लोग अंदर से बाहर कि चीजों को देख सकें और बाहर कि कोई भी चीज अंदर न आ सके|
दोस्तों यहाँ तक तो ठीक है फिर सवाल है कि – AC कोच के विंडो ग्लास को भी ट्रांसपैरेंट क्यों नहीं बनाया गया इसे ब्लैक क्यों किया गया तो यहाँ पर कुछ लोग यह समझ रहे होंगे कि ब्लैक glass इसलिए दिया गया है ताकि AC कोच के अंदर बैठे लोगों को कोई बाहर से न देख सके तो दोस्तों एस बिल्कुल नहीं है
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AC कोच के विंडो ग्लास
दरअसल AC कोच का विंडो मे लगा ग्लास दो लेयर का होता है अंदर ट्रांसपैरेंट और बाहर का ब्लैक| दोस्तों अंदर कि लेयर नॉर्मल स्लीपर या जनरल कोच के जैसे ट्रांसपैरेंट होती है
जबकि बाहर से इसमे ब्लैक रंग का एक अलग से ग्लास लगाया जाता है ऐसा इसलिए किया जाता हिय ताकि AC कोच के अंदर एक फ़िक्स temperatureबना रहे अगर ऐसा नहीं किया गया और यहाँ सिर्फ ट्रांसपैरेंट ग्लास दे दिया गया तो बाहर से सूर्य कि रोशनी सीधे अंदर जाएगी जिससे अंदर का तापमान बढ़ जाएगा
ब्लैक रंग का ही ग्लास क्यों लगाया जाता है?
दोस्तों ऐसी कोच मे बाहर से ब्लैक रंग का ग्लास लगा देने से चुकि ब्लैक चीजें प्रकाश को अपने आप मे अवशोषित कर लेती है इसीलिए यहाँ पर ब्लैक रंग का ग्लास बाहर कि धूप को अपने आप मे अवशोषित कर लेंगी जिससे बाहर कि रोशनी बिल्कुल भी अंदर नहीं आएगी|
जिस कारण से अंदर का तापमान एक समान रहेगा दोस्तों इसी वजह से AC कोच के विंडो का ग्लास काले रंग का होता है जबकि स्लीपर या जनरल का नहीं तो आप समझ गए होंगे Why window glass of ac coach in black colour?
दोस्तों यहाँ पर आपके मन मे एक सवाल जरूर आएगा कि नए टाइप कि जीने भी ऐसी कोच है फिर उनके AC कोच के विंडो का ग्लास ब्लैक क्यों नहीं होता? उन्हे ट्रांसपैरेंट क्यों रखा गया है
तो दोस्तों नए टाइप के अभी जीतने भी कोचेस है सभी के ब्लैक ग्लास को हटाकर ट्रांसपैरेंट ग्लास के ऊपर एक केमिकल कि लैअर लगाई गई है जिसका काम same ब्लैक ग्लास के जैसे ही होता है जो कि बाहर से आनेवाली सूर्य कि रोशनी को अपने अंदर अवशोषित कर लेती है जिससे अंदर का तापमान मैन्टन रहता है
इसीलिए आजकल न्यू कोचेस मे ब्लैक रंग का ग्लास नहीं लगाया जाता |